मै अपने कनाडा वाले उड़न तश्तरी जी के बारे में नही कह रहा हूँ। वे तो अपनी दुनिया में मस्त हैं। मै तो उन परग्रह वासियों के बारे में कह रहा हूँ जिनके लिये अमेरिका पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट बन गया है, और जब भी मुड होता है अपना उड़न तश्तरी लेकर अमेरिका पहुँच जाते हैं। यकीन नही होता। यहाँ देखिये, पिछले आठ सालों में लगभग ४० हजार बार वे अमेरिका की सैर कर चुके है।
वैसे कभी आपको दर्शन हुआ हो तो आप भी अपना अनुभव यहाँ दर्ज कर सकते है। एक बात माननी ही पड़ेगी, अमेरिका की चकाचौंध से दुसरे ग्रह वाले भी बच नही सकते।
मेरा एक सवाल है आप से, क्या आपको ऐसा नही लगता कि परग्रहवासी भारत भ्रमण पर इसलिये नही आते हैं, क्योंकि यह एक पिछड़ा देश है, और इसे क्षेत्र में आरक्षण मिलना चाहिये जिससे अन्तर-ग्रहिय स्तर पर भी इसे एक अलग पहचान मिले ?
आपके जवाब का इंतजार है।
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4 comments:
हां जी, क्यो नही मिलना चाहिये ! दूनिया की लगभग २०% जनता यंहा रहती है, इसलिये कम से कम २० % उडन तस्तरीयां भारत के लिये आरक्षित होनी चाहिये.
एक काम करें अर्जुनसिंह तक एक मांग पत्र भिजवा दें.
पंकज भाई
इस क्षेत्र मे आरक्षण की मांग के समर्थन मे हम आपके साथ हैं, वैसे तो अगले महिने, दो महिने के लिये अपनी उडन तश्तरी को ले कर भारत जा रहे हैं.
समीर लाल
बिल्कुल सही कहा आपने। हज़ारों (या लाखों, करोड़ों)सालों से पृथ्वी पर परगृहियों को अनदेखा किया जा रहा है। अब अमरीका में उन्हें अनदेखा करना बन्द कर दिया गया है, लेकिन भारत में उनके साथ यह व्यवहार अभी भी जारी है। इसलिये उन्हें आरक्षण मिलना ही चाहिए। ख़ास तौर पर अभी तक शिक्षा मंत्रालय को मानव संसाधन विकास के एक तरफ़ा उपयोग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था, लेकिन अब इसमें परगृहियों को भी स्थान मिलना चाहिए। मानव संसाधन विकास मंत्रालय को बदल कर परगृही संसाधन विकास मंत्रालय बनाना चाहिए और अर्जुन सिंह को हटा कर किसी ET को इसका मंत्री बनाना चाहिए।
सहमत हूँ, संजाल पर एक माँगपत्र बनाया जाये और अर्जुन सिंह को भेजा जाये। और "मैडेम" को भेजना न भूलें नही तो कुछ नही होगा।
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