Tuesday, May 09, 2006

आज "২৫ বৈশাখ" है, यानी रवीन्द्रनाथ जी का जन्मदिन।

आज "২৫ বৈশাখ" है, यानी रवीन्द्रनाथ जी का जन्मदिन।
इसलिये मै अपनी लेख रवीन्द्रनाथ जी का नारी के प्रतिदृष्टिकोण की अगली कड़ी को आज के लिये विराम दे रहा हूँ।
"তোমার জন্ম দিনে জানাই তোমাই শত শত প্রনাম"
"জন্ম দিনের সুভেচ্ছা"

4 comments:

RC Mishra said...

अच्छा मौका मिला है, आज कई वर्षों बाद बन्गाली पढने का प्रयास करता हूं।
हिन्दी में शायद ऐसे लिखेन्गे।
"तोमार जन्म दिने जानाई तोमाई शत शत प्रनाम"
"जन्म दिनेर शुभेच्छा"
हां, तारीख बीस बैशाख है न.

जरूर बताइयेगा कि पहली लाइन मे मै कहां गलती कर रहा हूं, दूसरी लाइन आसान लगी मुझे।
धन्यवाद।
RC.Misra जी मेल पर

Pankaj said...

मिश्रा जी,
काफी अच्छा प्रयास किया है आपने सिर्फ गलती इतनी है कि तारीख २० नही २५ वैशाख (बंगला) है।

अनुनाद सिंह said...

अमिओ गुरुदेब के जन्मदिनेर शुभेच्छा जानियेछी |
अनुनाद

Pratik Pandey said...

आम तौर पर हिन्दी-भाषी क्षेत्रों में रवीन्द्र साहित्य का ज़्यादा अध्ययन-अध्यापन नहीं होता है। मैंने भी सिर्फ़ 'कृष्ण कृपलानी' कृत उनकी विस्तृत जीवनी ही पढ़ी है। क्या रवीन्द्र साहित्य हिन्दी में भी उपलब्ध है?